14 लोकसभा उम्मीदवारों की हलक पर अटकी सांसें, 4 जून को आएंगे नतीजे, मुकाबला बीजेपी-कांग्रेस में
गणेश मरावी, डिंडौरी। मध्यप्रदेश के मंडला लोकसभा सीट से 16 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा था। जिसमें दो अभ्यर्थियों ने अपना नामाकंन वापस ले लिया था। उसके बाद लोकसभा चुनाव में 14 उम्मीदवारों ने जीतने को लेकर ताबड़तोड़ मेहनत की है। 19 अप्रैल को चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हुआ है। मंडला लोकसभा में 21 लाख से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किये हैं। मंडला लोकसभा सीट में 58.28 प्रतिशत वोटिंग हुई है। अब सभी उम्मीदवारों की सांसे हलक में अटकी हुई है। चुनाव संपन्न होते ही सभी 4 जून का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस दिन ईव्हीएम में कैद हुए उम्मीदवारों का भविष्य का पिटारा खुलेगा।
कांग्रेस और भाजपा में टक्कर
वैसे हर बार की चुनाव की तरह कांग्रेस और भाजपा की टक्कर रही। बताया जा रहा है कि इस बार की चुनाव काफी दिलचस्प रही है, क्योंकि मंडला लोकसभा क्षेत्र में लगातार भाजपा के प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते लगातार जीतते आ रही है। इनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार और समस्या जमकर पैर पसारा हैं। वहीं पानी, सड़क समेत कई मूलभूत सुविधाओं के लिये ग्रामीण परेशान है। अबकि बार की चुनाव में कई इलाकों में चुनाव बहिष्कार देखने को मिली है। इन्हीं सब मुद्दा भाजपा प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते का हार की वजह बन सकती है। हांलाकि अभी परिणाम घोषित होने से पहले कुछ कहा नहीं जा सकता है।
फग्गन सिंह के पक्ष में वोट मांगने पहुंचे थे बड़े चेहरे
जिस तरह भाजपा प्रत्याशी फग्गनसिंह कुलस्ते के पक्ष में राज्य से लेकर केंद्र के बड़े – बड़े चेहरे वोट मांगने पहुंचे थे। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला लोकसभा क्षेत्र की विकास में कोई ध्यान नहीं दिया है। इसलिए वोट मांगने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी है। वहीं इनके पक्ष में छत्तीसगढ़ के सीएम भी वोट बटोरने पहुंचे थे।
ओमकार के लिए वोट मांगने नहीं आए कोई
वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी ओमकार मरकाम के पक्ष में वोट मांगने कोई बड़े चेहरे नहीं आए है। कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ता ही मोर्चा संभाल रखे थे। कांग्रेस प्रत्याशी ओमकार मरकाम के लिये जीत का बड़ा मुद्दा यहां की समस्या हो सकती है और फगगन सिंह कुलस्ते की विकास की ओर ध्यान न देना हो सकता है।