रेलवे की 58 कनाल भूमि 17 लाख में नीलाम, लोगों को मिलेगा मुआवजा - DIGITAL MIRROR

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रेलवे की 58 कनाल भूमि 17 लाख में नीलाम, लोगों को मिलेगा मुआवजा


 

हिमाचल के ऊना में करीब दो दशक पहले रेल ट्रैक के लिए किसानों की भूमि का अधिग्रहण कर उन्हें मुआवजा न देने पर भारतीय रेलवे को जोर का झटका लगा है। अदालत के आदेश पर रेलवे की करीब 58 कनाल भूमि 17 लाख रुपये में नीलाम की गई है। नीलामी राशि से किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। 
 

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रीति ठाकुर की अदालत के आदेश पर जिला के कोटलाकलां गांव के पटवार घर में बीते रोज रेलवे की संपत्ति नीलाम की गई। पांच लोगों ने नीलामी प्रक्रिया में भाग लिया। इसमें अजनोली के संजीव कुमार ने उच्चतम बोली 17 लाख रुपये लगाई।

इस दौरान तहसीलदार ऊना विजय राय की मौजूदगी में करीब 58 कनाल भूमि की नीलामी हुई। इसके लिए 24 मार्च को राजस्व महकमा रिपोर्ट अदालत में पेश करेगा। नीलाम हुई जमीन रेलवे ट्रैक के समीप और कुछ रेलवे कॉलोनियों का हिस्सा है।

इसके अलावा रेलवे लाइन की दोनों ओर की भूमि शामिल है। गौर हो कि छह फरवरी को राजस्व विभाग की ओर से मुनादी कराई थी कि विभाग रेलवे की भूमि नीलाम कराएगा। किसानों की ओर से केस की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण सैनी ने नीलामी की पुष्टि की है। 


ऊना रेलवे स्टेशन भी किया गया था सील



लोगों ने रेलवे पर उचित मुआवजा राशि अदा न किए जाने पर अदालत में अपील दायर की थी। निचली अदालत ने निर्णय लोगों के हक में दिया था। रेलवे ने इस निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। वहां भी दिलवां, ठठल और त्यूड़ी के प्रभावित लोगों के हक में निर्णय को बरकरार रखा।

इसमें एक फैसला 2015 और दो 2018 के हैं। करीब 60 लाख मुआवजा राशि की अदायगी नहीं हो पाई। अदालत ने सख्ती दिखाते हुए राजस्व विभाग से रेलवे की संपत्ति नीलाम करके प्रभावितों के मुआवजा राशि अदा करने को कहा था। 

मुआवजे संबंधी मामले में ही इससे पूर्व अदालत ने ऊना के रेलवे स्टेशन को सील किया था। इससे कई रूट प्रभावित हो गए थे। यहां तक कि हिमाचल एक्सप्रेस ट्रेन को भी जब्त करने के आदेश जारी किए गए थे। बाद में रेलवे की ओर से राशि अदा किए जाने पर अदालत ने इसे कुछ घंटों के बाद रिलीज कर दिया था।



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