राज्यसभा चुनाव: एमपी में कांग्रेस-भाजपा की एक-एक सीट तय, तीसरी सीट पर उलझा समीकरण - DIGITAL MIRROR

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राज्यसभा चुनाव: एमपी में कांग्रेस-भाजपा की एक-एक सीट तय, तीसरी सीट पर उलझा समीकरण

 



 


मध्यप्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव में एक-एक सीट कांग्रेस और भाजपा को मिलना तय है। वहीं, तीसरी सीट को लेकर दोनों पार्टियों में क्रास वोटिंग का खतरा बना हुआ है। वर्तमान में तीसरी सीट पर कांग्रेस का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है।


 

समझिए राज्यसभा चुनाव का गणित
राज्यसभा की एक सीट के लिए 58 विधायकों के वोटों की जरूरत होती है। वर्तमान संख्याबल के हिसाब से एक-एक सीट पर चुनाव होने के बाद कांग्रेस के पास 56 वोट जबकि भाजपा के पास 49 वोट बचेंगे। ऐसे में भाजपा को नौ जबकि कांग्रेस को दो मतों की जरूरत होगी।

कांग्रेस को सता रहा क्रास वोटिंग का डर
कांग्रेस को अपने विधायकों के क्रास वोटिंग का डर सता रहा है। अगर सत्तारूढ़ दल के पांच से छह विधायक भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी को वोट दे देते हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी हार जाएगा और भाजपा की जीत हो जाएगी। 

क्रास वोटिंग होने पर विधायकों को अयोग्य घोषित नहीं करा सकती है कांग्रेस
बड़ी बात यह है कि कांग्रेस चाहकर भी इन विधायकों को अयोग्य घोषित नहीं करवा सकती है। अगर ऐसा होता है तो वह विधानसभा में अल्पमत में आ जाएगी। ऐसे में कांग्रेस अपने विधायकों को साधकर रखने की कोशिश कर रही है।

भाजपा का एक वोट और कांग्रेस प्रत्याशी की जीत तय
राज्यसभा की तीसरी सीट के लिए भाजपा में भी क्रॉस वोटिंग का खतरा है। अगर भाजपा के एक विधायक का प्रथम वरीय वोट कांग्रेस को मिल जाता है तब वह चुनाव जीत जाएगी। हालांकि बाद में उस विधायक को अयोग्य घोषित करवाने पर भी भाजपा को कुछ खास फायदा नहीं होगा।

एमपी से खाली होने वाली तीन सीटों में दो भाजपा की
मध्यप्रदेश के कोटे से खाली हो रही तीन सीटों में से दो भाजपा की हैं। अप्रैल में भाजपा के प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल पूरा हो रहा है। बता दें कि ये दोनों सांसद अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। ऐसे में इनकों तीसरी बार मौका देने की उम्मीद कम ही है।

प्रभात झा की सदस्यता के लिए संघ कर सकता है वकालत
माना जा रहा है कि अगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रभात झा की सदस्यता के लिए कहता है तब उनकों तीसरा मौका मिल सकता है। हालांकि, मध्यप्रदेश में वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल माधव दवे (स्वर्गीय) को छोड़कर राज्यसभा में तीसरा कार्यकाल किसी को नहीं मिला है।

राज्यसभा के लिए कैलाश विजयवर्गीय भी बड़े दावेदार
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी इस बार राज्यसभा की सीट के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। अगर प्रभात झा का टिकट कटता है तब विजयवर्गीय को राज्यसभा भेजा जा सकता है। 

प्रियंका गांधी को मप्र कोटे से राज्यसभा में भेजे जाने की चर्चा
मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए खाली हो रही दो सीटों को लेकर जारी खींचतान के बीच एक सीट पर दिग्विजय सिंह की ताजपोशी तय मानी जा रही है। वहीं दूसरी सीट के लिए सज्जन सिंह वर्मा, बाला बच्चन और जयवर्द्धन सिंह समेत पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने प्रियंका गांधी के नाम की सिफारिश की है।

प्रियंका के बहाने कमलनाथ ने सिंधिया को दी मात!
लोकसभा चुनाव हार चुके ज्योतिरादित्य भी मुख्यमंत्री पद न मिलने के बाद राज्यसभा के जरिए अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन, कमलनाथ ने प्रियंका गांधी की राज्यसभा के लिए दावेदारी जताकर सिंधिया को घेरने का फुलप्रूफ प्लान तैयार कर रखा है। वहीं कमलनाथ के मंत्री मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और इमरती देवी खुलकर सिंधिया के समर्थन में हैं।


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