उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली की मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम काटे जाने के आरोपों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य आप नेताओं की टिप्पणी के खिलाफ दायर मानहानि मामले की कार्रवाई पर रोक लगा दी।
न्यायधीश अनु मल्होत्रा ने ट्रायल कोर्ट में कार्रवाई पर रोक लगाते हुए दिल्ली सरकार और और बीजेपी नेता राजीव बब्बर को नोटिस जारी करते हुए 23 अप्रैल तक जवाब देने को कहा। बता दें कि यह मामला भाजपा नेता राजीव बब्बर द्वारा पार्टी की दिल्ली इकाई की तरफ से दायर किया गया था।
केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार गुप्ता, पार्टी नेता मनोज कुमार एवं आतिशी मार्लेना ने सत्र न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। सत्र न्यायालय ने इस मामले में आप नेताओं को आरोपियों की तरह तलब करने के मजिस्ट्रेट अदालत के निर्णय को वैध ठहराया था।
उन्होंने मजिस्ट्रेट अदालत के 15 मार्च 2019 और सत्र न्यायालय के इस साल 28 जनवरी के आदेश को खारिज करने का अनुरोध किया है।
बब्बर ने अपनी याचिका में दावा किया कि दिसंबर 2018 में संवाददाता सम्मेलन में आप नेताओं ने आरोप लगाया था कि भाजपा के निर्देश पर बनिया, पूर्वांचली और मुस्लिम समुदाय के 30 लाख मतदाताओं के नाम चुनाव आयोग ने काट दिए।