नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सोमवार को भी शहर के सिविल लाइंस इलाके में जमकर बवाल हुआ। जमालपुर में तड़के उपद्रवियों के पथराव के जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज के साथ आंसू गैस व रबर की गोलियों का भी इस्तेमाल किया। इस दौरान 20 आमजन के अलावा कई अधिकारियों-कर्मचारियों के घायल होने की सूचना है। रविवार को दिन में और सोमवार को तड़के हुए घटनाक्रमों में अब तक 11 मुकदमे दर्ज हुए हैं।
रविवार को ऊपरकोट के प्रदर्शनकारियों पर हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में जमालपुर में कुछ महिलाएं सड़क जाम करके बैठ गईं थीं। रात भर पुलिस उनको समझाकर घर भेजने का प्रयास करती रही। सोमवार तड़के कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इस पर फोर्स ने जमकर लाठीचार्ज किया। आंसू गैस व रबर बुलेट का भी प्रयोग किया। इस दौरान पुलिस व आरएएफ के कई वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए गए और हवाई फायरिंग भी की गई। यहां रुक-रुककर करीब पौने पांच बजे तक पथराव होता रहा मगर पुलिस जमालपुर के प्रदर्शनकारियों को हटाने के बाद ही पीछे हटी।
इस दौरान 20 लोग और पुलिस के कई अधिकारी-कर्मचारियों के घायल होने की खबर है। पुलिस ने एएमयू के पुरानी चुंगी गेट पर जमे प्रदर्शनकारियों को भी हटा दिया था, मगर दोपहर में सड़क किनारे कुछ लोग फिर बैठ गए। शाम तक उन्हें हटाने के प्रयास होते रहे। वहीं रविवार के बवाल के कारण पुराने शहर में अभी काफी तनाव है। मुस्लिम बहुल इलाकों में बाजार पूरी तरह बंद रहे। शाहजमाल में चल रहा धरना 28वें दिन भी जारी रहा।
शहर में शाहजमाल एक मात्र जगह चिह्नित कर दी गई है, जहां चल रहे धरने पर लोग शामिल हो सकते हैं। जमालपुर में सुबह लोगों को पथराव के बाद बल प्रयोग कर हटा दिया गया है। जीवनगढ़ में भी अभी प्रयास किया जा रहा है। किसी भी तरह से कानून नहीं बिगड़ने दिया जाएगा।
-डॉ. प्रीतिंदर सिंह, डीआईजी रेंज
शहर की हिंसा में एएमयू के छात्र शामिल नहीं : एएमयू
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को लेकर शहर में जगह-जगह हुए विरोध प्रदर्शन, बवाल और इसमें एएमयू छात्राओं की भूमिका को लेकर किए गए प्रशासन के दावों को एएमयू प्रशासन ने सही नहीं माना है। एएमयू के जनसंपर्क विभाग के एमआईसी प्रो. शाफे किदवई ने बताया कि उन्होंने पूरे मामले में विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर आफिस से जानकारी की। जिसके बाद स्पष्ट हुआ है कि एएमयू हास्टल में रहने वाला कोई भी छात्र या छात्रा शहर में होने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हैं। कहा, हमारे यहां पर 32 हजार छात्र हैं, अगर जिला प्रशासन के पास कोई सबूत है तो हमें दे। उसके बाद हम निष्पक्ष और नियमानुसार आगे की कार्रवाई करेंगे।
रविवार को ऊपरकोट के प्रदर्शनकारियों पर हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में जमालपुर में कुछ महिलाएं सड़क जाम करके बैठ गईं थीं। रात भर पुलिस उनको समझाकर घर भेजने का प्रयास करती रही। सोमवार तड़के कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इस पर फोर्स ने जमकर लाठीचार्ज किया। आंसू गैस व रबर बुलेट का भी प्रयोग किया। इस दौरान पुलिस व आरएएफ के कई वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए गए और हवाई फायरिंग भी की गई। यहां रुक-रुककर करीब पौने पांच बजे तक पथराव होता रहा मगर पुलिस जमालपुर के प्रदर्शनकारियों को हटाने के बाद ही पीछे हटी।
इस दौरान 20 लोग और पुलिस के कई अधिकारी-कर्मचारियों के घायल होने की खबर है। पुलिस ने एएमयू के पुरानी चुंगी गेट पर जमे प्रदर्शनकारियों को भी हटा दिया था, मगर दोपहर में सड़क किनारे कुछ लोग फिर बैठ गए। शाम तक उन्हें हटाने के प्रयास होते रहे। वहीं रविवार के बवाल के कारण पुराने शहर में अभी काफी तनाव है। मुस्लिम बहुल इलाकों में बाजार पूरी तरह बंद रहे। शाहजमाल में चल रहा धरना 28वें दिन भी जारी रहा।
शहर में शाहजमाल एक मात्र जगह चिह्नित कर दी गई है, जहां चल रहे धरने पर लोग शामिल हो सकते हैं। जमालपुर में सुबह लोगों को पथराव के बाद बल प्रयोग कर हटा दिया गया है। जीवनगढ़ में भी अभी प्रयास किया जा रहा है। किसी भी तरह से कानून नहीं बिगड़ने दिया जाएगा।
-डॉ. प्रीतिंदर सिंह, डीआईजी रेंज
शहर की हिंसा में एएमयू के छात्र शामिल नहीं : एएमयू
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को लेकर शहर में जगह-जगह हुए विरोध प्रदर्शन, बवाल और इसमें एएमयू छात्राओं की भूमिका को लेकर किए गए प्रशासन के दावों को एएमयू प्रशासन ने सही नहीं माना है। एएमयू के जनसंपर्क विभाग के एमआईसी प्रो. शाफे किदवई ने बताया कि उन्होंने पूरे मामले में विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर आफिस से जानकारी की। जिसके बाद स्पष्ट हुआ है कि एएमयू हास्टल में रहने वाला कोई भी छात्र या छात्रा शहर में होने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हैं। कहा, हमारे यहां पर 32 हजार छात्र हैं, अगर जिला प्रशासन के पास कोई सबूत है तो हमें दे। उसके बाद हम निष्पक्ष और नियमानुसार आगे की कार्रवाई करेंगे।