दिल्ली: मोतीबाग के सरकारी स्कूल पहुंचीं मेलानिया ट्रंप, हुआ भव्य स्वागत - DIGITAL MIRROR

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दिल्ली: मोतीबाग के सरकारी स्कूल पहुंचीं मेलानिया ट्रंप, हुआ भव्य स्वागत


दिल्ली सरकार के स्कूलों में चलने वाली हैपिनेस क्लास को देखने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया ट्रंप मोती बाग के सरकारी स्कूल पहुंचीं। यहां पहुंचते ही स्कूल के छात्र-छात्राओं और टीचरों ने अमेरिका की प्रथम महिला का शानदार स्वागत किया।
 

स्कूल को खास तरीके से सजाया गया है। पुलिस की ओर से भी यहां सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली जा रही है। स्कूल के गेट से लेकर अंदर-बाहर सभी जगह साज-सज्जा की गई है। 



 





 





स्कूल के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ सभी शिक्षक शिक्षिकाएं मेलानिया ट्रंप के दौरे के लिए उत्साहित थे। स्कूल में उनके स्वागत के लिए बेहद आकर्षक तरीके से इंतजाम किए गए हैं।

सोमवार शाम तक चलती रहीं स्वागत की तैयारियां


सोमवार को भी सजावट की तैयारियों को अंतिम रुप दिया जाता रहा। स्कूल के आसपास की दीवारों पर आकर्षक पेंटिंग की गई है जबकि स्कूल के बाहर की बाउंड्री को इस तरह से ढक दिया गया है जिससे बाहर से स्कूल के अंदर कुछ भी ना दिखाई दे।

मेलानिया ट्रंप लगभग 40-45 मिनट स्कूल में बिताएंगी। इसी दौरान हैप्पीनेस की क्लास होगी। हैप्पीनेस क्लास में कितने बच्चे होंगे और उनसे क्या बात होगी, इसे गुप्त रखा गया है। 
 


इस क्लास के बारे में जानना चाहती हैं मेलानिया


बताया जा रहा है कि वह दो साल पहले शुरू की गई इस क्लास को जानना समझना चाहती हैं। बच्चों की संख्या, शिक्षकों की संख्या व अन्य जानकारी पहले ही अमेरिकी दूतावास को भेजी जा चुकी है। मेलानिया ट्रंप जिस समय स्कूल में होंगी उस समय बच्चों के साथ शिक्षा विभाग का एक अधिकारी भी मौजूद रहेगा।

स्कूल में छठी, सातवीं व आठवीं कक्षा के कुछ बच्चों को मिलाकर एक क्लास बनाई गई है। बच्चों को 15 सवाल तैयार करवाए गए हैं। सोमवार को इसके लिए रिहर्सल भी की गई जिससे बच्चे तैयार हो सकें और कोई चूक ना हो।

मालूम हो कि दिल्ली सरकार ने हैप्पीनेस की इस क्लास को दो साल पहले नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के लिए शुरू किया था। इसका मकसद बच्चों के तनाव को कम करना है और हंसी-खुशी वाले माहौल में पढ़ाई करवाना है। इस कक्षा के बाद लिखित परीक्षा नहीं होती बल्कि बच्चे का मूल्यांकन हैप्पीनेस इंडेक्स से किया जाता है। इस कक्षा में बच्चों को कहानियों व खेल-खेल से सीख दी जाती है। 


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