छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की एक फास्ट ट्रैक अदालत ने 10 वर्ष की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोप में एक युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दुर्ग जिले के अतिरिक्त लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने बताया कि फास्ट ट्रैक कोर्ट की विशेष न्यायाधीश सुभ्रा पचौरी की अदालत ने संजू कुमार सिंह (26 वर्ष) को भारतीय दंड विधान की धाराओं और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी पाया है तथा उसे आजीवन कारावास और छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि सभी व्यक्ति को जीने का अधिकार है। इस मामले में उस बालिका के साथ यौन अपराध किया गया जिसने अपने जीवन का केवल 10 बसंत देखे हैं। बच्चों से यौन अपराध करने वाला उदारता का दावा नहीं कर सकता है। वर्मा ने बताया कि 10 जनवरी, वर्ष 2017 को दुर्ग के पुरानी भिलाई क्षेत्र में जब बालिका घर मे अकेली थी तब आरोपी सिंह ने बालिका से दुष्कर्म किया।
वर्मा ने बताया कि पीड़िता के भाई और बहन जब स्कूल से घर पहुंचे तब उन्होंने आरोपी को पकड़ने की कोशिश की। लेकिन आरोपी मौके से फरार हो गया। उन्होंने बताया कि पीड़िता की बहन की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और आरोपी सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी के खिलाफ जुलाई, 2017 में अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया था। मंगलवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सिंह को अपराध का दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।