अकाल तख्त जत्थेदार ने कसा तंज, बोले- पांच दिन पाकिस्तान रहकर आया, पर आतंकी नहीं बना - DIGITAL MIRROR

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अकाल तख्त जत्थेदार ने कसा तंज, बोले- पांच दिन पाकिस्तान रहकर आया, पर आतंकी नहीं बना

 



पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता के करतारपुर कॉरिडोर पर दिए विवादित बयान पर श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि वे पांच दिन पाकिस्तान में रहे और गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन किए, लेकिन वे आतंकी बनकर तो नहीं लौटे। उन्होंने कहा कि डीजीपी को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।


 

गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में दर्शनों के लिए विश्व भर से आए सिखों ने जब डीजीपी का यह बयान सुना था तो उनकी आंखें नम हो गई थीं। कई सिखों ने उनको इस बारे में शिकायत भी की। पाकिस्तान के पांच दिन के दौरे के बाद मंगलवार को वतन लौटने पर अटारी सड़क सीमा पर पत्रकारों से बातचीत में ज्ञानी हरप्रीत ने दावा किया कि पाकिस्तान में बसे अल्पसंख्यक, विशेषकर सिख खुश हैं।

वे अपने दौरे के दौरान जितने भी सिख परिवारों से मिले, सभी ने कहा कि उन्हें यहां बड़ा सम्मान मिलता है। उन्होंने कहा कि दौरे के दौरान वहां की सरकार ने उनके साथ अच्छा व्यवहार किया।



जब भी कोई अमेरिकी राष्ट्रपति आता है तो दंगे क्यों भड़कते हैं


श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि जब भी अमेरिका का कोई राष्ट्रपति भारत आता है तो दंगे क्यों भड़कते हैं। दिल्ली में भड़की हिंसा के संबंध में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत के दौरे पर आए थे, तब भी छत्तीसपुरा में कई निर्दोष सिखों का कत्ल कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि विवादित प्रचारक रंजीत सिंह ढढरियांवाले को श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा गठित पांच सदस्यीय कमेटी के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखना चाहिए। जत्थेदार टीवी चैनलों पर डिबेट नहीं किया करते। कुछ लोग ढढरियांवाले को निरंकारी के रूप में पेश कर उसे सिखों के सिरों पर बैठना चाहते हैं। ढढरियांवाले स्टेज न लगाने के फैसले के स्थान पर पांच सदस्यीय कमेटी के साथ बातचीत करें।

बता दें कि कुछ दिन पहले ढढरियांवाले ने नाराज होकर कहा था कि अगर उनके बोलने से किसी को तकलीफ है तो वे न स्टेज लगाएंगे और न ही धार्मिक समागम ही नहीं करेंगे। जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बताया कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें बताया कि शहीद भाई तारु जी और शहीदी अस्थान भाई मनी सिंह जल्द ही संगत के दर्शनों के लिए खोल दिए जाएंगे। इन दोनों गुरुद्वारा साहिबान की इमारतों के सदियों पुराने इतिहास से छेड़छाड़ किए बगैर इनका जीर्णोद्धार करवाया जाएगा।

जगजीत कौर के परिवार से भी मिले
गुरुद्वारा ननकाना साहिब की यात्रा के दौरान वह जगजीत कौर के परिवार से भी मिले। परिजनों ने बताया कि जिस स्थान पर जगजीत को रखा गया है, वहां कई और लड़कियां भी हैं। ये लड़कियां जगजीत कौर पर घर न लौटने का दबाव बनाती हैं। जत्थेदार ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व ईटीपीबी के अधिकारियों से बातचीत कर इस बात को सुनिश्चित किया है कि अगले वर्ष साका ननकाना साहिब के शताब्दी समारोह का आयोजन बड़े स्तर पर किया जाएगा।


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